कोविडशील्ड: लाभ या विष?

कोरोना महामारी के दौरान दुनियाभर में विभिन्न टीकों का विकास किया गया, जिनमें से एक प्रमुख टीका कोविडशील्ड था। 



इसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मिलकर विकसित किया। हालांकि, समय के साथ इस टीके से जुड़े कुछ दुष्प्रभावों की ख़बरें सामने आईं, जिससे इसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता पर सवाल उठे।


कोविडशील्ड के संभावित नुकसान


1. रक्त के थक्के बनने का खतरा


कोविडशील्ड से जुड़े सबसे विवादास्पद प्रभावों में से एक थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) है। इसमें शरीर में रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यूरोप और अमेरिका में इसके कई मामले दर्ज किए गए, जिससे कई देशों ने इस टीके पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगाए।


2. गिलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS)


यह एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली नसों पर हमला करती है, जिससे लकवा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कुछ शोधों में कोविडशील्ड के कारण GBS होने की संभावना जताई गई है।


3. हृदय संबंधी समस्याएं


कुछ रिपोर्टों में कोविडशील्ड के बाद मायोकार्डाइटिस (हृदय की सूजन) और पेरीकार्डाइटिस जैसी समस्याएं भी सामने आईं। हालांकि, यह ज्यादातर युवा पुरुषों में देखा गया, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभावों पर अभी भी शोध जारी है।


4. गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया (एनाफिलैक्सिस)


कुछ मामलों में, कोविडशील्ड लगाने के बाद गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया देखी गई, जिसमें सांस लेने में कठिनाई, रक्तचाप में गिरावट, और शरीर पर लाल चकत्ते शामिल हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है।


5. मासिक धर्म और प्रजनन संबंधी समस्याएं


कुछ महिलाओं ने शिकायत की कि टीका लगवाने के बाद उनके मासिक धर्म चक्र में बदलाव आया, रक्तस्राव बढ़ गया या अनियमितताएं देखने को मिलीं। हालांकि, इस पर अभी ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिले हैं।


क्या कोविडशील्ड वाकई ज़हरीली थी?


इस लेख में दिखाए गए प्रतीकात्मक चित्र में एक सांप को इंजेक्शन से लिपटा हुआ दिखाया गया है, जो इस टीके के संभावित खतरों की ओर इशारा करता है। यह दर्शाता है कि जैसे कुछ सांपों का ज़हर जानलेवा हो सकता है, वैसे ही कुछ लोगों के लिए कोविडशील्ड भी नुकसानदायक साबित हुई। हालांकि, यह कहना सही नहीं होगा कि यह टीका पूरी तरह से हानिकारक था, क्योंकि इसने लाखों लोगों को कोरोना से बचाया भी।


निष्कर्ष


कोविडशील्ड ने जहां महामारी के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा दी, वहीं इसके कुछ दुर्लभ लेकिन गंभीर दुष्प्रभाव भी सामने आए। प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक प्रतिक्रिया अलग होती है, इसलिए किसी भी टीके को लगवाने से पहले उसके लाभ और हानियों की जानकारी रखना आवश्यक है। सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को चाहिए कि वे पारदर्शिता बरतें और लोगों को संपूर्ण जानकारी दें, ताकि वे सूचित निर्णय ले सकें।


क्या आपको भी कोविडशील्ड से कोई दुष्प्रभाव हुआ था?


अगर हां, तो अपनी कहानी साझा करें ताकि अन्य लोग भी सतर्क रह सकें।

त्रिपुरेश्वर त्रिपाठी (sonu)

1 टिप्पणियाँ

  1. mere nason me problem ho gyi hai , kamar dard, pair me dard , spine me nas dabne lagi hai , blood clot ki prbm bhi lag rahi hai

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