वाराणसी जेल अधीक्षक उमेश सिंह द्वारा एफआईआर पर प्रहलाद गुप्ता ने कहा षडयंत्र लगाया आरोप!
अधीक्षक जिला कारागार उमेश सिंह /प्रहलाद गुप्ता

प्रहलाद गुप्ता ने बयान मे बताया की किये गए शिकायत को दबाने के लिए साजिशन अधीक्षक द्वारा मेरे ऊपर झूठा मुकदमा लिखवा गया है |
वाराणसी कारागार अधीक्षक ने मेरा शोषण किया है और रंगदारी मांगी है जिसकी शिकयत मेरे द्वारा पीएमओ पोर्टल आई जी आर एस पोर्टल के साथ सभी प्रमुख लोगो को जरिये रजिस्टर्ड डाक ईमेल के द्वारा किया गया है |
क्या है पूरा प्रकरण
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| भेजे गए पत्र |
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| रजिस्टर्ड पोस्ट की रशीद |
प्रहलाद गुप्ता के अनुसार प्रार्थी प्रहलाद गुप्ता पुत्र स्व:शंकर लाल गुप्ता पता डी 37/96 बड़ादेव थाना दशास्वमेध जनपद वाराणसी का निवासी है दिनाँक -21-12-2020 को थाना लालपुर पांडेयपुर वाराणसी में पंजीकृत मु.अ.सं.234/20 धारा-328 354ख 504 506 376 के दौरान गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में उसको जेल भेजा गया | दिनाँक-29 फरवरी सन 2024 को माननीय न्यायालय द्वारा मु.अ.सं.234/20 धारा-328 504 में बरी करते हुये धारा 354ख 506 376 में 7 वर्ष का सजा सूना दिया फिर वह जेल आया तो जेल अधीक्षक द्वारा सेन्ट्रल जेल भेजने की धमकी देते हुये मानसिक रूप से प्रताड़ित करके अप्राकृतिक सम्बन्ध बनाने की धमकी देते हुये मुझे गंदे गंदे कामो में लगा दिया गया बार-बार पूछने पर ऐसा क्यों कर रहे है? तो उनके द्वारा मुझसे यह बोला गया की घर से 10000/- हजार रूपये बैठकी व बैरक ट्रांसफर रुकवाने का रुपया मँगवा दो हम तुम्हे परेशान नहीं करेंगे| वह अपने आपको प्रताड़ना से बचाने के लिये घर से 10000/-हजार रूपये मँगवाकर रक्खा और रविवार के दिन दिनाँक-3-3 2024 को जेल अधीक्षक द्वारा 14नंबर मैदान की हाल में बुलाकर रंगदारी माँगा गया फिर वह उन्हें 10 हजार रूपये रंगदारी मजबुरी मे डरकर दिया |
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| आई जी आर एस शिकायत |
सरकार द्वारा शासनादेश जारी हुआ की उत्तर प्रदेश की सभी जेलों में अल्फाबेट तरीके से बंदियों को रक्खा जाए उसके बाद जेल अधीक्षक द्वारा जिला कारागार में उसको बैरक संख्या 12-A में रक्खा गया उस दिन रात्रि में जेल अधीक्षक द्वारा अपने साथी कर्मचारियों के साथ अहाते में पहुंचकर उसको बुलाये और बोले की तुम्हारा बेल हो चूका है अब यहां से जाने के बाद मुझे 5 लाख रूपये दे देना क्योंकि मुझे लखनऊ में अपने बड़े अधिकारियों को महीना देना पड़ता है| अगर नहीं दोगे तो फर्जी मुक़दमे में फ़साने की धमकी दिए बोले की तुम्हारी ह्त्या हो जायेगी|
फिर 5 अक्टूबर सन 2024 को उसकी रिहाई हो गयी घर आने के बाद वह अपने परिवार के साथ रहने लगा और अपना कार्य करने लगा डेढ़ महीना बीतने के बाद दिनाँक- 21-11-2024 को समय 10 बजकर 21 मिनट रात्रि वाराणसी जिला कारागार जेल अधीक्षक आचार्य डॉक्टर उमेश सिंह द्वारा अपने फोन नंबर
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| जेल अधीक्षक द्वारा प्रहलाद को वाट्सएप पर किया गया मैसेज काल का स्क्रीनशॉट |
9453437928 उसके नंबर 6307513635 पर पहले व्हाट्सएप काल कर 5 लाख रूपये रंगदारी माँगी गई उसके बाद उनके द्वारा अपने नंबर 9453437928 से 10 बजकर 22 मिनट रात्रि में पूरी कॉलिंग की गयी जब यह भी फोन नहीं उठा तो उसको व्हाट्सएप्प किये की लखनऊ में चैनल की योजना का क्या हुआ मेरे दोस्त रितेश यादव के नंबर पर फोन करके दूसरे दिन मिलने का दबाव बना रहे थे जिसका नंबर 7355178304 है प्रहलाद गुप्ता का कहना है की जेल अधीक्षक 5 लाख रुपया और रंगदारी माँग रहे है मैं कहाँ से दे पाउँगा मैं बहुत डरा हुआ हूँ मजबूर होकर शिकायत कर रहा हूँ उसका यह भी कहना है की अगर मेरी सुनवाई नही हुई तो मैं आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाऊँगा।
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