पुलिस की सरपरस्ती का आरोप, प्रतिदिन हो रही 50 हजार लीटर तेल की चोरीवाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के थाना रामनगर अंतर्गत टेंगरा मोड़ के पास हरे रंग की तिरपाल और गिट्टी की दुकान के सामने चल रहा डीजल/पेट्रोल चोरी का अवैध कारोबार इन दिनों सुर्खियों में है। सूत्रों के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड गोकुल पांडेय है, जो सेंट जॉन्स कॉलोनी, मढोली, भुल्लनपुर मंडुआडीह का निवासी है।
गोकुल पांडेय अपने गैंग के सदस्यों मंगरु चौहान, गणेश पासवान (पंचवटी, रामनगर), रिंकू सिंह, श्रवण चौहान (अलीनगर, चंदौली), गुड्डू पांडेय (चंद्रिका नगर कॉलोनी, अखरी), मनोज उर्फ बबलू, गोलू अहमद, मोनू कुमार, सुहैल अहमद, शमशाद अहमद के साथ मिलकर मुगलसराय (दीनदयाल नगर) डिपो से पेट्रोल पंपों तक जाने वाले टैंकरों से तेल की चोरी करता है।
प्रति टैंकर 200 लीटर डीजल/पेट्रोल की चोरी
सूत्रों के अनुसार, ये गैंग टैंकर चालकों से मिलीभगत कर प्रति टैंकर 200 लीटर तेल चोरी करता है और प्रतिदिन करीब 250 टैंकरों से लगभग 50,000 लीटर डीजल/पेट्रोल तक चोरी किया जाता है। इस चोरी का बाजार मूल्य प्रतिदिन 4 से 5 लाख रुपये है।
मुन्नीलाल (अहरौरा, मिर्जापुर) और प्रमोद गुप्ता (बिहार) को होती है बिक्री
चोरी का यह तेल मुन्नीलाल और प्रमोद गुप्ता जैसे ग्राहकों को बेचा जाता है।
स्थानीय पुलिस और छापेमारी दस्ता टीम पर संरक्षण देने का गंभीर आरोप
गैंग को संरक्षण देने का आरोप थाना रामनगर के एक हेड कांस्टेबल पर भी है, जिसे हर माह तकरीबन 10 लाख रुपये दिए जाने की बात सामने आई है। हेड कांस्टेबल पिछले 4 वर्षों से रामनगर थाने में पदस्थ है और नेटवर्क का अहम हिस्सा बताया गया है।
छापेमारी टीम को 15 लाख की महीने का पैकेज-
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, पूरे रैकेट को कमिश्नरेट वाराणसी की पुलिस टीम के एक छापेमार दस्ते का संरक्षण प्राप्त है। सूत्रों का कहना है कि गोकुल पांडेय उस टीम को हर माह 15 लाख रुपये देता है। व्हाट्सएप कॉल्स और चैट्स के जरिए बातचीत होती है, जिसकी पुष्टि फोरेंसिक जांच से की जा सकती है।
अतीत में भी जा चुका है जेल-
गोकुल पांडेय इससे पहले भी कई बार जेल जा चुका है, जिसमें एक मामला अपराध संख्या 30/2020 थाना मिर्जामुराद व एक अन्य मामला 263/2018 थाना रामनगर में दर्ज है।
सफेदपोशों का भी है संरक्षण-
जानकारी यह भी है कि कुछ सफेदपोश भी इस धंधे में बिचौलिए की भूमिका निभा रहे हैं।औऱ इस धंधे को संरक्षण देकर पैसा बना रहे हैं।
जांच की मांग-
सूत्रों का कहना है कि यदि इस पूरे नेटवर्क की जांच किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या विजिलेंस टीम द्वारा कराई जाए तो तेल चोरी के इस बड़े खेल का पर्दाफाश संभव है।

आखिर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में इस तरह की दुस्साहसिक चोरी बिना पुलिस संरक्षण में संभव हो ही नही सकता
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