व्यापक और कठोर कार्रवाई जागरूकता की जरूरत
त्रिपुरेश्वर त्रिपाठी सोनू
वाराणसी। शहर से लेकर गांव तक चायनीज मांझे का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन गले, हाथ और चेहरे पर गंभीर चोट की घटनाएं सामने आ रही हैं, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इस “हत्यारिन डोर” पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही। प्रतिबंध के बावजूद खुलेआम बिक्री और इस्तेमाल पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। आमजन का मानना है कि जब तक चायनीज मांझा बेचने और इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ हत्या के प्रयास या अनिच्छित हत्या के प्रयास जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा, तब तक इस पर प्रभावी रोक संभव नहीं है। केवल माल जब्ती या मामूली धाराओं में कार्रवाई इस जानलेवा खतरे को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। इसके साथ ही जागरूकता की भी भारी कमी है। सुझाव दिया जा रहा है कि पुलिस, प्रशासन, ग्राम प्रधान, पार्षद और अन्य गणमान्य लोग स्कूलों में जाकर बच्चों को चायनीज मांझे के खतरों के बारे में विस्तार से समझाएं, ताकि खेल-खेल में होने वाली यह लापरवाही किसी की जान न ले सके। जब तक सख्त कानूनी कार्रवाई और व्यापक जन-जागरूकता अभियान एक साथ नहीं चलेंगे, तब तक यह हत्यारिन डोर यूं ही लोगों की जिंदगी से खेलती रहेगी।
बताते चलें कि चायनीज मांझे से देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में गले कटने से बच्चों, युवकों और दोपहिया वाहन चालकों की मौत की घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। दिल्ली पुलिस ने बीते वर्षों में चायनीज मांझा से जुड़ी दर्जनों एफआईआर दर्ज की हैं। इस जानलेवा खतरे को देखते हुए विभिन्न हाईकोर्ट ने भी सख्त रुख अपनाया है। बॉम्बे हाईकोर्ट सहित अन्य न्यायालयों ने चायनीज/नायलॉन मांझे की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने, भारी जुर्माना लगाने और दोषियों पर गंभीर आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके, ज़मीनी स्तर पर ढिलाई के चलते यह हत्यारिन डोर आज भी लोगों की जान ले रही है, जिससे पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
अचूक रणनीति चायनीज मांझा विक्रेता को भारी मात्रा में प्रतिबंधित मांझे के साथ पकड़ने वाले जैतपुरा सरैया चौकी प्रभारी सत्यदेव गुप्ता समेत उन सभी पुलिस वालों को साधुवाद प्रेषित करती है जो इसके खतरे गम्भीरता को समझते हुये इसके धर पकड़ अभियान में लगे हैं।
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| जैतपुरा सरैया चौकी प्रभारी सत्यदेव गुप्ता |

