भ्रष्टाचार और अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप
वाराणसी।उत्तर प्रदेश शासन ने जिला कारागार, वाराणसी के अधीक्षक उमेश सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई वाराणसी जेल में बंद विचाराधीन बंदी सुनील कुमार उर्फ सुनील चौधरी की फर्जी रिहाई के प्रकरण में सामने आए गंभीर प्रशासनिक लापरवाही और विभागीय प्रक्रिया की अनदेखी के आधार पर की गई है।
राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, उमेश सिंह ने अपने अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं रखा और उनके कर्तव्यों के प्रति लापरवाही तथा शासनादेशों की अवहेलना की। इससे जेल की व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और उच्च स्तर के अनुशासन की स्पष्ट अनदेखी हुई।
निलंबन की अवधि में उमेश सिंह, मुख्यालय, कारागार प्रशासन एवं सुधार सेवाएं, लखनऊ से संबद्ध रहेंगे। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि निलंबन अवधि के दौरान उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते के रूप में वेतन की आधी राशि देय होगी, लेकिन उन्हें कोई महंगाई भत्ता या अन्य भत्ते नहीं मिलेंगे।
इस आदेश के साथ यह निर्देश भी जारी किया गया है कि उमेश सिंह किसी भी अन्य सेवा, व्यापार या वृत्ति में संलग्न नहीं रहेंगे जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती।
इस प्रकरण ने जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गौरतलब है कि कई न्यूज चैनल खासकर इंडिया न्यूज और अचूक रणनीति ने भ्र्ष्टाचारी उमेश सिंह के खिलाफ अभियान चला रखा था।

