वाराणसी जिला कारागार मे मोबाइल से बातचीत करता दिखा आजीवन कारावास का बंदी

 वाराणसी जिला कारागार में आजीवन कारावास का बंदी मोबाइल से करता दिखा बातचीत, प्रशासन की लापरवाही उजागर



वाराणसी, जो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है, वहां के जिला कारागार अधीक्षक उमेश सिंह लगातार विवादों में घिरे हुए हैं। जेल प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है, जब एक आजीवन कारावास का बंदी जेल परिसर में मोबाइल फोन से बातचीत करता हुआ नजर आया।


सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो


अधिवक्ता शैलेन्द्र पाण्डेय उर्फ कवि ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर इस घटना को उजागर किया है। हालांकि, यह वीडियो उनके पास कैसे आया, इसकी पुष्टि  हम नहीं करतें, लेकिन वीडियो में जो कुछ दिख रहा है, वह जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है।


कौन है यह कैदी-


वायरल वीडियो में दिख रहा व्यक्ति अश्वनी पाण्डेय बताया जा रहा है, जो दहेज हत्या के मामले में दोषी पाए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। जेल के भीतर यह कैदी एम.एस.के. राइटर के रूप में कार्य करता है और पूरे जेल का हिसाब-किताब इसी के पास रहता है।


वीडियो से जेल प्रशासन की पोल खुली


वीडियो में अश्वनी पाण्डेय को जेल के कार्यालय में बैठकर मोबाइल फोन से एक महिला से अश्लील बातचीत करते देखा जा सकता है। उसके माथे पर अबीर-गुलाल लगा हुआ है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह वीडियो होली के आसपास का हो सकता है।


जेल प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल








नियमों के अनुसार, जिला कारागार में बंद कैदियों को मोबाइल फोन इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती। इसके बावजूद, जेल परिसर के कार्यालय में एक कैदी का खुलेआम मोबाइल फोन पर बातचीत करना जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है।


सवाल जिनके प्रशासन को देने होंगे जबाब


जब आजीवन कारावास की सजा काट रहा बंदी जिला कारागा


र में है, तो उसे सेंट्रल जेल क्यों नहीं भेजा गया?


जेल के भीतर कैदी के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा?


जेल अधिकारियों की इस लापरवाही पर क्या कार्रवाई होगी?


इस वीडियो के सामने आने के बाद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जेल प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई की जाती है।


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