आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने
वाराणसी जेल के अधिकारियों पर अलीगढ़ निवासी एक कैदी सुनील पुत्र राजवीर सिंह को फर्जी रिहाई आदेश के आधार पर जेल से रिहा करने का गंभीर आरोप लगाया है.
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| अभियुक्त सुनील के संबंध में वाराणसी जेल में कथित रूप से प्राप्त एसीजेएम 4 अलीगढ़ कोर्ट की फर्जी रिहाई आदेश |
यूपी के मुख्यमंत्री को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि उनके पास उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार सुनील के खिलाफ अलीगढ़, मेरठ, बरेली और वाराणसी सहित तमाम जिलों के आईटी एक्ट के अपराध हैं, जिनके क्रम में वह कुछ दिन पूर्व तक वाराणसी जेल में बंद था.
अन्य मामलों में सुनील को जमानत मिल गई है किंतु अलीगढ़ के आईटी एक्ट के मुकदमा अपराध संख्या 16/2023 थाना साइबर क्राइम में उसे जमानत नहीं मिली है.
अभिलेखों के अनुसार इसके बाद भी एसीजेएम 4, अलीगढ़ का एक फर्जी रिहाई आदेश वाराणसी जेल में 4 मार्च 2025 को प्राप्त दिखाया गया और इसके आधार पर सुनील को एक-दो दिन बाद उस फर्जी रिहाई आदेश के आधार पर जेल से छोड़ दिया गया बताया जाता है, जबकि इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत याचिका संख्या 26163/2024 अभी लंबित है, जिसमें कल 25 मार्च 2025 को लगी है.
अमिताभ ठाकुर ने इसे अत्यंत गंभीर मामला बताया है और कहा है कि यह पूरा प्रकरण पूर्व जेल अधीक्षक उमेश कुमार सिंह द्वारा भारी धनराशि लेकर किया गया बताया जाता है.
उन्होंने मुख्यमंत्री से इस गंभीर मामले की तत्काल जांच करा कर सही पाए जाने पर दोषी जेलकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने सहित अन्य समस्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
संलग्न- प्रकरण से जुड़े समस्त आवश्यक अभिलेख
डॉ नूतन ठाकुर
प्रवक्ता
आजाद अधिकार सेना


