खेल के मैदान में बना दिया स्कूल, विधायक निधि से हुई बाउंड्री 2018 से अब तक देवरिया प्रशासन नहीं करा पाया खाली खेल का मैदान
सदर तहसील के थाना गौरीबाजार sबसंतपुर सिरसिया गांव के श्री प्रकाश संस्कृत विद्यालय का मामला
पूर्ववर्ती सपा सरकार में विधायक निधि से विद्यालय को दिए गए थे करीब 10 लाख |
हाल के ही कुछ महीने पहले विद्यालय के पांच अध्यापको पर दर्ज हुई हैँ एफ0आई0आर
देवरिया। गांव के राजस्व अभिलेख में जो भूमि खेल के मैदान के रूप में दर्ज है, उस पर विद्यालय खुला हुआ है। सार्वजनिक भूमि पर ही विद्यालय के 15 कमरे बने हैं। पूर्ववर्ती सपा सरकार में विधायक निधि देकर उसकी बाउंड्री कराई गई और हाल बनवाया गया। शिकायत के बाद हुई जांच में मामला उजागर होने पर वर्ष 2018 मे महकमे में खलबली मच गई थी । उस समय राजस्व टीम की रिपोर्ट के बाद एसडीएम ने बेदखली की कार्रवाई शुरू की थी । डीआरडीए ने भी विधायक निधि के दुरुपयोग पर नोटिस देकर प्रबंधक से जवाब मांगा था पर 2018 से अब तक देवरिया प्रशासन खेल का मैदान खाली नहीं करा पाया |कुछ महीने पहले विद्यालय के पांच अध्यापको पर गौरी बाजार थाने मे एफ आई आर दर्ज हुई हैँ जिसकी विवेचना अभी चल रही हैँ
क़्या हैँ पूरा मामला
सदर तहसील के बसंतपुर सिरसिया गांव में श्री प्रकाश संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित हैँ । संस्था को पूर्ववर्ती सपा सरकार में विधायक रहे शाकिर अली ने अपनी निधि से तीन किस्तों में कमरा, बाउंड्री और हाल निर्माण के लिए करीब दस लाख रुपये दिए थे। गांव निवासी अवध बिहारी तिवारी ने वर्ष 2017 में जिले की प्रभारी व बेसिक शिक्षा मंत्री को पत्र देकर आरोप लगाया था कि जिस विद्यालय को धनराशि दी गई है, उसके नाम पर भूमि ही नहीं है। मंत्री के निर्देश पर डीएम ने तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व टीम को पैमाइश के निर्देश दिए थे। जांच में जिस भूमि पर विद्यालय संचालित हो रहा है, वह खेल का मैदान मिला। संस्कृत विद्यालय के नाम पर एक अन्य भूमि राजस्व रिकार्ड में अंकित है, लेकिन उस पर कोई निर्माण ही नहीं है। इसी प्रबंध समिति के अंतर्गत संचालित जनता लघु माध्यमिक विद्यालय बसंतपुर धुसी के नाम पर भी आवंटित भूमि पर कोई निर्माण नहीं हुआ है। एसडीएम के निर्देश पर तहसीलदार ने बेदखली की कार्रवाई शुरू कर दी थी । पर पैसे के प्रभाव से आज तक बसंतपुर का सार्वजानिक खेल का मैदान दबंग शिक्षा माफिया लोगो ने कब्ज़ा कर रक्खा हैँ
शिकायत कर्ता ने लेखपाल कानूनगो और तहसीलदार पर सरंक्षण देने का लगाया आरोप।
शिकायतकर्ता अवध बिहारी तिवारी ने आरोप लगाया है कि सालो बीतने के बाद भी कार्रवाई न होना इस बात की तरफ इशारा करता है कि लेखपाल और कानून द्वारा दबंगों द्वारा किए गए कब्जे को बरकरार रखने में संरक्षण दिया जा रहा हैं जिस कारण सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद भी आज तक खलिहान और खेल के मैदान की जमीन को कब्जा मुक्त नहीं कराया जा सका है वही अवध बिहारी तिवारी का कहना हैँ की देवरिया की जिलाधिकारी श्रीमती दिव्या मित्तल के ऑप्रेशन कब्ज़ा मुक्त से उनको काफी उम्मीद हैँ और उनकी अंत्योदय मानसिकता उन्हें उम्मीद दिलाती हैँ की शायद अब खेल का मैदान खाली हो जायेगा बाकी देखना है की देवरिया की जिलाधिकारी क्या कार्यवाही करती हैँ क्या उनकी 800 चिंन्हित स्थानों मे यह खेल का मैदान है या नहीं?

