किसकी मिलीभगत,जानिए कौन लोग हैं शामिल
वाराणसी। शिवपुर थाना क्षेत्र में जुए का धंधा पूरे शबाब पर है। यहां हर दिन लाखों का जुआ खेला जा रहा है, लेकिन स्थानीय पुलिस इस अवैध खेल को रोकने के बजाय अपनी जेब भरने में व्यस्त है। सूत्रों की मानें तो गिलट बाजार चौकी के सुद्दीपुर चंद्रिका नगर में सुबह से लेकर देर शाम तक खुलेआम जुआ खेलवाया जा रहा है। वहीं, कांशीराम चौकी क्षेत्र के कोइलहवा के जंगल में विशा** यादव और उसके साथी बड़े पैमाने पर जुए का सिंडिकेट चला रहे हैं।
पुलिस की मौन स्वीकृति या मिलीभगत-
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जुए के फड़ से मोटी रकम हर रोज पुलिस अधिकारियों तक पहुंचती है। बताया जाता है कि गिलट बाजार चौकी क्षेत्र के सुद्दीपुर में "नाल उतारने" (वसूली) का काम जितें** पटेल करता है, जो चौकी के कारखास आलोक और आज़ाद को प्रतिदिन 6 हजार रुपये देता है, जबकि शिवपुर थाने को हर दिन 10 हजार रुपये पहुंचाना बताया जाता है। इसी तरह, कांशीराम चौकी क्षेत्र में भी पुलिस को भारी रकम दी जाती है, जिससे यह अवैध खेल बिना किसी रोक-टोक के चलता रहता है। दिन के अलावा रात में यह खेल बन्द कमरे में होता है।
युवाओं की ज़िंदगी बर्बादी की ओर
जुए की लत युवाओं की ज़िंदगी को तबाह कर रही है। जुआ खिलाने वाले सिंडिकेट के लोग उन्हें नशे का सामान भी उपलब्ध कराते हैं, जिससे कई युवा कर्ज में डूब चुके हैं और बर्बादी के कगार पर पहुंच गए हैं। लेकिन इसके बावजूद वे इस लत से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
अवैध धंधे से अमीर बन रहे जुआ संचालक
जुआ खिलाने वाले लोग दिखावे के लिए दूसरे धंधे की आड़ में इस अवैध कारोबार को चला रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इसी धंधे के दम पर वे महंगी गाड़ियों और मोटे बैंक बैलेंस के मालिक बन बैठे हैं।
पुलिस के उच्च अधिकारी आखिर मौन क्यों-
शिवपुर समेत कई इलाकों में चल रहे इस जुआ सिंडिकेट पर उच्च अधिकारियों की चुप्पी संदेह पैदा कर रही है। अगर पुलिस सच में कार्रवाई करना चाहे, तो एलआईयू की रिपोर्ट और जुआ निरोधक टीम की मदद से इस अवैध धंधे को तुरंत बंद किया जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि पुलिस के बड़े अधिकारी अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं ।
शहर में युवाओं का भविष्य बर्बाद करने वाले इस जुए के धंधे पर अब कार्रवाई कब होगी, यह देखने वाली बात होगी।
