दी मालवीय हेल्पिंग हैंडस सोसाइटी" द्वारा "हर घर घोसला" की नई शुरुआत

 विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर NGO "दी मालवीय हेल्पिंग हैंडस सोसाइटी" द्वारा "हर घर घोसला"नई पहल |









NGO द्वारा लोगों को पर्यावरण के अनुकूल और सुरक्षित घोसले प्रदान किए जाते हैं, जिन्हें घरों, बगीचों या सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित किया जा सकता है। 

 गौरैया के घोसले बांटना एक बेहतरीन पहल है, जो इस पक्षी के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। गौरैया की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, और यह पर्यावरणीय असंतुलन का एक संकेत है। घोसला बांटने का उद्देश्य गौरैया को सुरक्षित और उपयुक्त जगह प्रदान करना है, ताकि वे आराम से अपने अंडे दे सकें और संतान उत्पन्न कर सकें। 

गौरैया हमारे समाज और संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा रही है। यह घोसला देना गौरैया को एक सम्मान देने जैसा होता है और यह हमारे पारंपरिक संबंधों को प्रकृति के साथ पुनः स्थापित करने में मदद करता है।



इस तरह की पहलें न केवल गौरैया के संरक्षण में मदद करती हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और समाज मे पर्यावरण जागरुकता बढ़ाने के लिये भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।


इस अवसर पर NEXT IAS न्यू दिल्ली के इतिहास विभाग के वरिष्ठ अध्यापक अभिषेक सिंह परमार सर के हाथों से संस्था का पोस्टर विमोचन किया गया और सर को घोंसला देकर "हर घर घोंसला" अभियान का शुरुआत किया गया!

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने