डिप्टी जेलर मीना कनौजिया की बेटी को नहीं मिला न्याय, 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा

 डिप्टी जेलर मीना कनौजिया की बेटी को नहीं मिला न्याय, 24 घंटे बाद भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा



वाराणसी: पूर्व डिप्टी जेलर मीना कनौजिया की बेटी ने जेल अधीक्षक उमेश सिंह के खिलाफ शोषण, उत्पीड़न और जातिसूचक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। निराश होकर वह घर लौटने को मजबूर हो गईं।


मीना कनौजिया और उनकी बेटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि उमेश सिंह लगातार न सिर्फ उत्पीड़न करते रहे, बल्कि गाली-गलौज और जातिसूचक टिप्पणी भी की। मीना कनौजिया ने अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि उमेश सिंह किसी भी हद तक जा सकते हैं।


बेटी ने की निष्पक्ष जांच और गिरफ्तारी की मांग



मीना कनौजिया की बेटी ने पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष जांच करने और उमेश सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है। उनका आरोप है कि उमेश सिंह को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है, जिसकी वजह से अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।


उन्होंने सवाल उठाया कि योगी सरकार में दलित महिला अधिकारी को न्याय क्यों नहीं मिल रहा? क्यों लगातार सिर्फ जांच के नाम पर आश्वासन ही दिया जा रहा है?


पहले भी दर्ज हो चुके हैं फर्जी मुकदमे


इससे पहले उमेश सिंह पर एक पत्रकार के खिलाफ फर्जी रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराने का भी आरोप लग चुका है। तब पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की थी, लेकिन अब जब डिप्टी जेलर मीना कनौजिया और उनकी बेटी न्याय की गुहार लगा रही हैं, तो मुकदमा तक दर्ज नहीं हो रहा।


यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरी न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है। क्या कानून सबके लिए समान है, या फिर कुछ विशेष लोगों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।

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