वाराणसी: प्रदूषण नियंत्रण केंद्रों की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल, कमिश्नर से जांच की मांग

 वाराणसी: शहर में चल रहे 50 से अधिक प्रदूषण जांच केंद्रों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं

 


एक जागरूक नागरिक द्वारा पुलिस कमिश्नर को लिखे गए पत्र में आरोप लगाया गया है कि वाहनों की बढ़ती संख्या और अनियमित जांच के कारण वाराणसी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है।शिकायतकर्ता ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सभी प्रदूषण जांच केंद्रों पर वाहन मालिक स्वयं अपने वाहन लेकर जांच कराने आते हैं, लेकिन नियमित प्रदूषण जांच (Pollution Check) किसी भी प्रदूषण केंद्र पर नहीं की जाती है।पत्र के अनुसार, जांच प्रक्रिया में घोर अनियमितता है। केंद्र संचालकों या कर्मचारियों को जांच की पूरी प्रक्रियाओं की सही जानकारी नहीं होती है। पत्र में प्रदूषण जांच के लिए निर्धारित मानकों का भी ज़िक्र किया गया है:


"दोपहिया, चारपहिया या फिर कमर्शियल गाड़ियों का एक मानक होता है जो कि दो पहिये के लिए 5 मिनट जांच के साथ और डीज़ल वाहनों पर 10 मिनट की नियमित जांच की जाती है।"


शिकायतकर्ता ने पुलिस कमिश्नर से तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। उन्होंने मांग की है कि:सभी संचालित प्रदूषण जांच केंद्रों की जांच कराई जाए।उनके पास उपलब्ध डीजल और पेट्रोल मशीन की भी जांच कराई जाए।पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन केंद्रों की जांच से सच्चाई अपने आप सामने आ जाएगी। शहर के नागरिक बढ़ती प्रदूषण समस्या को लेकर चिंतित हैं और इस संबंध में पुलिस कमिश्नर के हस्तक्षेप की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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