फतेहपुर में लेखपाल की संदिग्ध मौत पर वाराणसी में आक्रोश

सदर तहसील में लेखपालों का धरना

मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर निष्पक्ष जांच, 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग



विक्की मध्यानी 


वाराणसी। फतेहपुर में लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर वाराणसी के लेखपालों में गहरा आक्रोश है। इसी के विरोध में शुक्रवार को सैकड़ों महिला–पुरुष लेखपालों ने सदर तहसील परिसर में धरना देते हुए मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपा।


लेखपालों ने आरोप लगाया कि फतेहपुर प्रकरण में कथित लापरवाही, पारदर्शिता की कमी और एस.आई.आर. के नाम पर अनावश्यक मानसिक शारीरिक उत्पीड़न बढ़ता जा रहा है, जिससे कर्मचारी तनाव में आकर आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हालात तत्काल रोके जाएं।


धरने में मौजूद लेखपालों ने मृतक परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की। साथ ही शासन–प्रशासन से मामले की निष्पक्ष व विस्तृत जांच कराने की अपील की।


इस अवसर पर उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ वाराणसी के अध्यक्ष मानसिंह, तहसील अध्यक्ष धर्मेंद्र प्रताप सिंह, तहसील मंत्री श्यामानंद सागर, पवन कन्नौजिया, आंचल परमार, मनोज कुमार, राजेश यादव, कृष्ण कुमार मिश्रा, जितेंद्र कुशवाहा, पीयूष पांडे, प्रज्ञा कौशिक, शालिनी पटेल, पूनम कुमारी, निर्मला, संतोष मौर्य सहित बड़ी संख्या में लेखपाल मौजूद रहे।

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