विशाल कुमार
वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र में बलुआ रोड पर चुकहां गांव के पास आज सुबह ग्रामीणों ने गंदे और बारिश के पानी की निकासी की समस्या को लेकर सड़क जाम कर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं सड़क पर बैठकर अपना विरोध जताती दिखीं।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय थाना और जाल्हुपुर चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक अपनी टीम के साथ भारी संख्या में पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे और जाम खुलवाने की कोशिश में जुट गए।
ग्रामीणों का आक्रोश और समस्याएं
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बारिश के मौसम में उनके गांव में जलभराव की गंभीर स्थिति बन जाती है। इससे न सिर्फ आवागमन बुरी तरह प्रभावित होता है, बल्कि खेती-किसानी और दैनिक जीवन भी बाधित होता है। इसके अलावा, सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी ने उनके आक्रोश को और बढ़ा दिया है।
प्रदर्शन में शामिल एक ग्रामीण महिला, सुमन देवी, ने बताया कि उनकी समस्या कई सालों से ऐसी ही पड़ी है और इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रधान झन्नालाल राजभर और जिला पंचायत सदस्य कैलाश नाथ सोनकर को भी अवगत कराया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यहां तक कि शनिवार को तहसील सदर में संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी महोदय को पत्र देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन की कार्रवाई और प्रदर्शन की समाप्ति
पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया और उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, शुरुआत में प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और ठोस कार्ययोजना की मांग करते हुए चक्का जाम जारी रखा, जिससे मार्ग पर दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो वे फिर से बड़ा आंदोलन करेंगे।
आखिरकार, पुलिस प्रशासन और चुकहां के प्रधान द्वारा जनरेटर से पानी की तत्काल निकासी की व्यवस्था करने और उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन मिलने के बाद ग्रामीणों ने अपना प्रदर्शन वापस ले लिया और मार्ग को यातायात के लिए खोल दिया। पानी निकलते देख ग्रामीण महिलाओं के चेहरे पर खुशी देखने को मिली। पुलिस ने मामले के शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त होने पर संतोष व्यक्त किया।
प्रदर्शन में मुन्नी देवी, मालती देवी, प्यारी देवी, ऊषा, फूला देवी, बेला, निर्मला, रूकमीना, श्याम दुलारी, लालमनी, सुखमनी, शीला, सुनीता, मुन्नी, सुनीता, सुशीला, सरिता, मनोरमा, विशाल सोनकर, लालचन सोनकर, नन्दलाल, अच्छे लाल, सुरेश सोनकर, सुभाष, बुजारथ और बब्लू सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

