कर्ज के तनाव में थे आशीष यादव, परिवार में मचा कोहराम 
आशीष उर्फ बाबू यादव (35)

मानसिक स्वास्थ्य पर उठे गंभीर सवाल
विक्की मध्यानी
वाराणसी। शिवपुर के गिलट बाजार स्थित श्री कलेक्शन गारमेंट्स के संचालक आशीष उर्फ बाबू यादव (35) ने सोमवार अपराह्न अपनी दुकान में गमछे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है।
परिजनों के अनुसार, आशीष यादव अपने परिवार के सबसे बड़े सदस्य थे और सात वर्ष पूर्व उनकी शादी हुई थी। रोजाना की तरह सोमवार सुबह मंदिर में दर्शन पूजन के पश्चात दुकान पर पहुंचे थे।
शाम करीब 5 बजे स्थानीय लोगों ने देखा कि दुकान के ऊपरी हिस्से में खिड़की की ग्रिल में गमछे के सहारे आशीष यादव का शव लटका हुआ है। तुरंत पुलिस और फॉरेंसिक टीम को सूचना दी गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
कर्ज बना तनाव का कारण, तीन के खिलाफ नामजद तहरीर
परिजनों का कहना है कि आशीष व्यापार में भारी कर्ज के चलते मानसिक तनाव में थे। इसी सिलसिले में परिजनों ने आशीष, विवेकानंद और हिमांशु नामक तीन व्यक्तियों के खिलाफ नामजद तहरीर पुलिस को सौंपी है।
हंसमुख व मिलनसार स्वभाव के थे बाबू, हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई-
स्थानीय लोगों और पड़ोसियों के मुताबिक बाबू बेहद मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद जब शव घर लाया गया, तो हजारों की संख्या में व्यापारी, पड़ोसी, मित्र और रिश्तेदार उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठे गंभीर सवाल
इस हृदयविदारक घटना के बाद मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।
मनोरोग विशेषज्ञों का कहना है कि तनाव, संवाद की कमी और भावनात्मक अस्थिरता व्यक्ति को मानसिक रूप से तोड़ सकती है। परिवारजनों को चाहिए कि अगर कोई सदस्य अवसादग्रस्त नजर आए तो उसे समय रहते भावनात्मक सहयोग और उचित चिकित्सकीय सहायता दी जाए।
यह घटना समाज को यह सोचने पर मजबूर करती है कि आर्थिक चुनौतियों के साथ मानसिक मजबूती और पारिवारिक संवाद कितना जरूरी है। समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ऐसी घटनाएं किसी भी परिवार को तोड़ सकती हैं।
बेहद दुखद
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