पूरे बनारस में चर्चा दागियों ने भरा बीजेपी जिलाध्यक्ष का पर्चा !
सुरेश सिंह पर पीएम मोदी द्वारा मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण पर उसे गंगा जल से धोने का आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री के खास अखंड प्रताप सिंह पर,दरोगा-वकील को धमकाने,अवैध निर्माण का लगा था आरोप
वाराणसी। जिले में सत्ताधारी दल बीजेपी का जिलाध्यक्ष बनने के लिए कार्यकर्ताओं में होड़ है। इस बार पार्टी कार्यकर्ताओं से इसके लिए नामांकन करवा रही है। जिसकी प्रक्रिया पूरी हो गई है। जिसमें कई कार्यकर्ताओं ने नामांकन किया। मगर दो कार्यकर्ता चर्चा का विषय बने हुये हैं। सुरेश सिंह व अखंड प्रताप सिंह। वजह यह कि जब पीएम मोदी 2014 में बनारस से अपना चुनावी आगाज किये थें तो उस वक्त लंका स्थित मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कियें। उसके बाद सुरेश सिंह अन्य लोगों के साथ मालवीय जी की प्रतिमा को मोदी जी के माल्यापर्ण से अशुद्ध मानने वालों में एक रहें जो मोदी जी के जाने के बाद जल से प्रतिमा का शुद्धिकरण करने वालों में से रहें। बाद में सुरेश सिंह बीजेपी में आ गयें। अब उसी पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में जिलाध्यक्ष के दावेदार हैं। वहीं बात करें अखंड प्रताप सिंह की तो यह पूर्व केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के खासमखास हैं। इनका विवादों से नाता रहा है। वर्ष 2018 में चोलापुर के एक दरोगा को धमकाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था। फिर वर्ष 2019 में एक अधिवक्ता ने अखंड सिंह पर गाली गलौज और धमकाने का मुकदमा दर्ज कराया था। वर्ष 2022 में शिवपुर स्थित अखंड सिंह के निर्माण को अवैध बताते हुए उसे ध्वस्त कर दिया था। हालांकि अखंड सिंह ने सभी आरोपों बेबुनियाद बताया था।
जिलाध्यक्षी का कौन दावेदार,कौन पैरवीकार -वाराणसी पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय इलाका होने के कारण पार्टी जिलाध्यक्ष उसी को बनाएगी जिसका दामन बेदाग होगा।
चूकि वर्तमान जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा पिछड़े वर्ग से हैं। इसलिए कयास है कि इस बार पार्टी किसी सवर्ण को जिलाध्यक्षी की कमान सौंपेगी। बताया जा रहा है कि वाराणसी में मोदी जी के खिलाफ ताल ठोकने वाले कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की वजह से बीजेपी भूमिहारो में पकड़ के लिहाज से कमजोर मान रही है। लिहाजा अपना भूमिहार समीकरण साधने के उद्देश्य से किसी निर्विवाद छवि के भूमिहार कार्यकर्ता को जिलाध्यक्ष बना सकती है। जिलाध्यक्ष के दावेदारों के लिये जनप्रतिनिधियों से पहल मांगी गई। जिसमें प्रमुख तौर कुछ नाम है जिनके पैरवीकार स्थानीय जनप्रतिनिधि हैं। उनमें पूर्व मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय की पैरवी अखंड प्रताप सिंह के लिए बताई जा रही है। वहीं सुरेश सिंह के पैरवीकार क्षेत्रीय भाजपा अध्यक्ष बताये जा रहे हैं। वहीं यूपी के कैबिनेट मंत्री संजय सिंह के पैरवीकार मंत्री अनिल राजभर,अजगरा विधायक त्रिभुवन राम और एमएलसी धर्मेंद्र राय हैं। अगर भूमिहारों को गद्दी सौंपने की बारी आती है तो सुरेश सिंह, पवन सिंह,और संजय सिंह प्रमुख हैं। पवन सिंह के पैरवीकार पिंडरा विधायक अवधेश सिंह को बताया जा रहा है। वहीं पिछड़े वर्ग से आने वाले दावेदार अरविंद पटेल सुरेंद्र पटेल की भी दावेदारी मजबूत है। साथ ही दिनेश मौर्या की पैरवी डिप्टी सीएम केशव मौर्या की बताई जा रही है। बाकी कई दावेदार हैं जिनके कम पैरवीकार हैं। बहरहाल मोदी के बनारस में किसकी ताजपोशी होती है इसके लिए बीजेपी आलाकमान बेहद संजीदा है।


