सस्ती लोकप्रियता के लिये साधू के साथ इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ने किया गलत काम

 सस्ती लोकप्रियता के लिये साधू के साथ इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर ने किया गलत काम




 मामला पीएम मोदी के इलाके का




वाराणसी। बनारस K करेजा नाम से इंस्टाग्राम आईडी चलाने वाला सोशल मीडिया इंफ़्लूलेंसर अभिषेक सिंह की घटिया हरकतों की क्लिप वायरल हो रही है। जिसमें अभिषेक सिंह ने अपने साथियों के साथ शराब के नशे मे साधू से  मारपीट किया और उसका लाइव पोस्ट अपने इंस्टाग्राम आई डी पर किया लाइव वीडियो वायरल होने पर भेलुपुर थाना प्रभारी विजय शुक्ला द्वारा वीडियो का संज्ञान लेकर सुसंगत धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया है तथा अग्रिम कार्यवाही मे जुट गई है। 



क्या है पूरा मामला-

राधेश्याम ( बाबाजी ) पुत्र दिवंगत छेदी लाल  शुकुलपुरा थाना भेलूपुर जनपद वाराणसी के निवासी हैं । उनका कहना है कि दिनांक09/12/2024 की रात में कबीर नगर कालोनी में संजय शिक्षा निकेतन चाय की दूकान पास में चार (4) लोग मिलकर इनको बुलाकर माँ बहन की भद्दी-भद्दी गाली दिये व बाल पकड़ कर  चप्पल से मारे और वीडियो बनाकर लाइव कर दिये उसके बाद  कैमरा बंद करके चारो लोग बहुत मार मारे। और धमकी दिये की कालोनी में दिखाई दिये तो जान से मार देंगे तथा विडिओ मे लोगो को भी मारने के लिए अपील किये ।ये लोग भयंकर शराब के नशे मे थें ये चार लोग थे जिनमें एक का नाम अभिषेक सिंह है जो खोजवां के 

अज्ञावान वीर बाबा मन्दिर के ठीक सामने रहता है। और उसकी सीमेंट की दूकान है




अभिषेक की इंस्टाग्राम की आईडी पर  पुलिस का मजाक बनाने से लेकर शराब के प्रमोशन और अश्लील वीडियो की भरमार है




बनारस K करेजा के 391 k फॉलोअर है बनारस वो शहर है जहाँ के सांसद देश के प्रधानमंत्री है बनारस K करेजा जैसी इंस्टाग्राम की आईडी  बनारस की संस्कृति को गलत पहचान दे रहा है। 




देखना है वाराणसी पुलिस अभिषेक सिंह और बनारस K करेजा  की आईडी के साथ कबीर नगर घाटों पर  बनाये गए विडिओ का संज्ञान लेती है या नहीं सवाल यह भी है। की  बाबा राधेश्याम को मारते  पीटते समय जातियों पर की गई टिप्पणी के साथ सोशल मिडिया राधेश्याम बाबा को मारने की अपील और सामाजिक मंच पर एक साधु की प्रतिष्ठा का  हनन जो बनारस की शान है के मामले मे क्या कार्यवाही करती है जो तेजी से बढ़ रही सोशल मीडिया रील परम्परा के लिए नजीर बने।









1 टिप्पणियाँ

  1. ऐसे लोग इस धरती के बोझ है । जबतक इनको हल्का नहीं किया जाएगा यह सुधरेगा नहीं ।

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