जिला कारागार वाराणसी मे नहीं रुक रहा मौत का खेल

 वाराणसी  | जिला कारागार वाराणसी मे नहीं रुक रहा मौत का खेल 



अबकी बार मौत हुई हवालाती बंदी अनिल बरन दास पुत्र शिवपाल  दास उम्र लगभग 72 वर्ष जो अपने बेटी और  दामाद के साथ जिला कारागार मे धारा 420 मे निरुद्ध था | मृतक अनिल वरन दास का दामाद कारागार कार्यालय मे राइटर के रूप मे कार्य करता हैँ | दिल्ली के निवासी अनिल की मृत्यु  कई सवाल खड़े करती हैँ ?अभी मुकुल जायसवाल राइटर ग़ल्ला गोदाम जिला कारागार की मृत्यु भी अपने आप मे सवालो के घेरे मे है|




बात करें जिला कारागार की तो कारागार पर अधिवक्ता शैलेन्द्र पाण्डेय ने गंभीर शिकायत किया हैँ उन्होंने जो शिकायत किया  उसमे उन्होंने कारागार अधीक्षक  उमेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए है की किसी भी बंदी को सही इलाज नहीं  मिलता  वही पैसे लेकर स्वस्थ ब्यक्तियों को अस्पताल मे एडमिट किया जाता है और  बीमार जरुरत मंद गंभीर मरीजों को सही इलाज नहीं मिलता है  यह सिलसिला कब तक चलता है यह जाँच का विषय है|  बहरहाल जेल को सुधार गृह ना मान कर वसूली केंद्र के साथ मौत घर रूप मे चला रहे  है  दो जिलों के बंदी यहाँ बंद रहते है| वही इस जेल की वास्तविक क्षमता 700 कैदीयो की है बरहाल लगातार हो रही शिकायत और मौत कारागार प्रशासन के जिम्मेदार अधीक्षक उमेश  सिंह पर बहुत से सवाल पैदा करती है


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