यातायात इंस्पेक्टर की सजगता से ऑटो में छूटा बैग मिला वापस

इंस्पेक्टर आसिफ सिद्दकी की तत्परता से मुगलसराय से सुरक्षित बरामद किया बैग


 बैग में था सोने की चेन, मोबाइल, दवाएं और जरूरी कागजात



यातायात पुलिस  ने पेश की मानवता,ईमानदारी  की मिसाल 


अचूक रणनीति 


वाराणसी।कभी-कभी पुलिस की एक संवेदनशील पहल न सिर्फ खोई चीज़ वापस दिला सकती है, बल्कि इंसानियत की उम्मीद भी लौटा सकती है। कुछ ऐसा ही उदाहरण वाराणसी यातायात पुलिस के इंस्पेक्टर आसिफ सिद्दकी ने पेश किया।


मऊ निवासी विकास गुप्ता अपनी पत्नी व छोटे बच्चे के साथ लिच्छवी एक्सप्रेस से वाराणसी सिटी स्टेशन पहुंचे थे। स्टेशन से ऑटो द्वारा रोडवेज पहुंचे, लेकिन उतरते समय अपना बैग ऑटो में भूल गए। खोजबीन कर वे सिगरा स्थित कमांड सेंटर पहुंचे, जहां सीसीटीवी कैमरे के जरिए ऑटो का नंबर UP65-PT-7211 मिला।


इंस्पेक्टर आसिफ सिद्दकी, जो उस समय कैंट स्टेशन पर ड्यूटी पर थे, को यह जानकारी दी गई। उन्होंने पूरी सक्रियता दिखाते हुए तुरंत टीम को खोजबीन में लगाया। रात्रि में जब ऑटो नहीं मिला तो उन्होंने परिवार के लिए रात्री विश्राम हेतु कमरे की व्यवस्था कराई, जहां वह परिवार सुरक्षित और सुकून से रात बिता सका।


अगले दिन सुबह उनकी टीम के प्रयास से सिटी स्टेशन पर वही ऑटो मिल गया। पूछताछ पर चालक ने बताया कि वह मुगलसराय का रहने वाला है और बैग उसके घर पर ही रखा हुआ है। इंस्पेक्टर ने विकास गुप्ता को चालक के साथ भेजा, जहां से उन्हें संपूर्ण सामान यथास्थिति में वापस मिल गया।


बैग में एक सोने की चेन, मोबाइल फोन, दवाएं, डॉक्टर की पर्ची और जरूरी कागजात थे। सामान मिलने पर गुप्ता दंपत्ति की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। विशेष रूप से उनकी पत्नी ने नम आंखों से वाराणसी यातायात पुलिस और इंस्पेक्टर आसिफ सिद्दकी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि "आज के दौर में ऐसा संवेदनशील और ईमानदार पुलिस अधिकारी मिलना सौभाग्य की बात है।"


यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि जनसेवा और मानवीयता की भावना से भी जुड़ी होती है। इंस्पेक्टर आसिफ सिद्दकी और उनकी टीम का यह कार्य प्रशंसा के योग्य है और पुलिसिंग के प्रति विश्वास को और प्रगाढ़ करता है।

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