वाराणसी: "तेल चोरी का खेल" चोर-पुलिस का देखा न होगा ऐसा तालमेल !

रामनगर में जारी है टैंकरो से डीजल-पेट्रोल चोरी का धंधा,स्थानीय पुलिस बनी हुई हैं अंधा


डीजल-पेट्रोल चोरी का मास्टर माइंड हैं गोकुल पाण्डेय, जेल की हवा भी खा चूका हैं गैंग बनाकर चोरी करने वाला आरोपी 




विशेष संवाददाता


वाराणसी। जिले में संगठित गिरोह बनाकर चोरी की घटना को अंजाम दिया जा रहा है। यह चोरी कोई माल-असबाब का नही तेल का है जी हां तेल का जिससे हमारे वाहन चलते हैं।


बता दें कि क्षेत्र में थाना रामनगर कमिश्नरेट वाराणसी अंतर्गत टेंगरा मोड़ के समीप  यादव जी के बालू मंडी के पास हरे रंग के तिरपाल के पीछे गिट्टी की दुकान के सामने कंटेनर का घेरा बनाकर अवैध डीजल/ पेट्रोल चोरी करने का मामला संज्ञान में आया हैं। विश्वसनीय सूत्रों की माने तो तेल चोर माफिया गोकुल पांडेय बताया गया हैं जो सेंट जांस कालोनी, मढोली, भुल्लनपुर मंडूआडीह, वाराणसी का निवासी हैं। यह अपने गैंग के सदस्यों मंगरु चौहान, गणेश पासवान निवासी पंचवटी रामनगर, रिंकू सिंह, श्रवण चौहान अलीनगर चंदौली, गुड्डू पांडेय निवासी चंद्रिका नगर कॉलोनी अखरी, मनोज उर्फ बबलू, गोलू अहमद, मोनू कुमार, सुहैल अहमद, शमशाद अहमद के साथ मिलकर मुगलसराय डिपो (दीनदयाल नगर) से डीजल / पेट्रोल,  पेट्रोल पंपों तक लेकर जाने वाले टैंकरो के ड्राइवर से मिलीभगत करके प्रति टैंकर तकरीबन रोज सैकड़ों लीटर डीजल/ पेट्रोल चोरी से निकाल लेते है। सूत्रों की माने तो प्रतिदिन लगभग 250 टैंकरों से लगभग 50000 ( पचास हजार लीटर)  डीजल/ पेट्रोल चोरी करते हैं। बताया जाता है कि चोरी किए डीजल/ पेट्रोल को प्रतिदिन लगभग 4 से 5 लाख रुपए में मुन्नीलाल निवासी अहरौरा, मिर्जापुर व प्रमोद गुप्ता निवासी बिहार राज्य को बेचते हैं। सूत्रों से यह भी पता चला हैं की तेल चोरी के इस कार्य में इनका सहयोगी तथा पार्टनर के रूप में स्थानीय  थाने का एक हेड कांस्टेबल थाना का कारखास बताया गया है उसका संरक्षण है। इसके एवज में प्रति महीना हेड कांस्टेबल  को लाखों   रुपए गोकुल पांडेय द्वारा दिया जाता है। बताया जाता है कि वह हेड कांस्टेबल लगभग 4 वर्षों से थाना रामनगर पर सेटिंग व पैसों के बल पर नियुक्त है और अवैध तेल चोरी का कार्य  कराता है। विश्वसनीय सूत्रों के जानकारी के अनुसार तेल चोरी का नेटवर्क पुलिस विभाग के छापेमारी दस्ता के एक दरोगा का भी संरक्षण है। जिसके लिए उसे 15 लाख रुपए प्रति महीना गोकुल पांडेय द्वारा देने की बात सामने आई है। इस बाबत सूत्र बताते हैं कि तेल माफिया गोकुल पांडेय की  बातचीत उस छापेमार दस्ते के प्रभारी से व्हाट्सएप के जरिए कॉल करके किया जाता है। अगर गोकुल पांडेय के मोबाइल की फोरेंसिक जांच हो तब सब स्पष्ट हो जाएगा । गोकुल पांडेय द्वारा डीजल/ पेट्रोल चोरी में उस छापेमार दस्ते के कारखास को 1 लाख तथा उसी दस्ते के ड्राइवर को 1 लाख प्रति महीना दिया जाता है। इसकी भी पुष्टि इन दोनों के मोबाइल के फोरेंसिक जांच से किया जा सकता है। यह सब इतने शातिर किस्म के तेल माफिया और तेल चोर हैं कि व्हाट्सएप के द्वारा ही सारा बातचीत आपस में करते रहते हैं। गोकुल पांडेय अवैध डीजल चोरी में पूर्व में भी सलाखों (जेल) के पीछे जा चुका है। तथा अभ्यस्त तेल चोर माफिया है। अभी कुछ माह पहले ही अवैध तेल चोरी कटिंग मामले में पकड़ा गया था तथा लोहता थाने के कोटवा पुलिस चौकी अंतर्गत बंद किया गया था। एक बार वह अपराध संख्या 30/2020 थाना मिर्जामुराद में धारा 34/419/420 आईपीसी में भी जेल जा चुका हैं। इसका एक अन्य सहयोगी सोनू उर्फ़ दादा उर्फ़ आलोक भी अपराध संख्या 263/2018 थाना रामनगर में धारा 34/419/420 आईपीसी में आरोपित हैं। इन सभी लोगों का एक बहुत बड़ा गैंग सक्रिय हैं जो काफ़ी दिनों से अन्य आपराधिक घटनाओ सहित तेल डीजल /पेट्रोल चोरी के धंधे में लगा हुआ हैं और इन सभी को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से कई सफेदपोशो और पुलिसकर्मियों का संरक्षण प्राप्त हैं। यदि इन सारे प्रकरण की जांच किसी ईमानदार आईपीएस अधिकारी या विजलेंस टीम से कराई जाए तो सारे अवैध कार्य की परत खुल जाएगी और इस धंधे में शामिल सभी दोषियों को बेनक़ाब किया जा सकता हैं। छापेमार दस्ते का प्रभारी कुछ दिन पहले एक बड़े मालवाहन से वसूली के मामले में भी आरोपी रहा जिसकी जांच चल रही थी।

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