श्री पाशपाणी विनायक सेवा दल ने की काशी में मांस-मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध की मांग
काशी की गरिमा बरकरार रखने के लिए धार्मिक आध्यात्मिक नगरी में न बिके मांस-मदिरा -अध्यक्ष सत्यम जायसवाल
अवैध मादक पदार्थ मुनक्का,भांग के पकौड़े,ठंडई औऱ शराब पर हो पूर्णतया रोक
वाराणसी। श्री पाशपाणी विनायक सेवा दल ने जिलाधिकारी से काशी अस्सी के बीच पूर्णतया मांस-मदिरा बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।श्री पाशपाणी विनायक सेवा दल के अध्यक्ष सत्यम जायसवाल ने कहा कि पुरातन पहचान वाली नगरी काशी धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यता वाला शहर है। इस ऐतिहासिक शहर की ख्याती बाबा विश्वनाथ संकट मोचन हनुमानजी और गौतमबुद्ध की उपदेश स्थली के तौर पर है। यहां देश-विदेश से हर माह लाखों श्रद्धालु आते हैं। उन्हें उन मजबूरन उन होटलों में भी भोजन करना पड़ता है जिसके किचन में एक साथ शाकाहारी-मांसाहारी भोजन बनता है जिससे भोजन की शाकाहारी व्यक्ति की शुद्धता भंग हो जाती है। और राह में कई जगह शराबियों के जमावड़े से श्रद्धालु असहज हो जाते हैं। कई बार तो शराबियों के दुर्व्यवहार के शिकार भी हो जाते हैं।अतः श्रद्धालुओं की आस्था और काशी की गरिमा को ध्यान में रखते हुये काशी को मांस और मदिरा से मुक्त क्षेत्र करने की हमारी मांग है। जैसे धर्म नगरी मथुरा, वृंदावन में मांस-मदिरा बिक्री पर रोक है उसी प्रकार काशी को भी मुक्त किया जाय। साथ ही काशी में ठंडई पान की दुकानों पर बिकने वाले जहरीले केमिकल युक्त भांग मुनक्का के साथ आयुर्वेदिक चूर्ण के नाम पर मादक पदार्थ, के साथ अवैध भांग, भांग पकोड़े वालो के ठेले पर जहरीले भांग जैसा पदार्थ, व मुनक्के की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए। क्योंकि मुनक्का या अन्य भांग जैसे पदार्थ से युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। और हमारी मांग यह भी है कि गैम्बियर युक्त कत्था और केमिकल युक्त सुर्ती जर्दा की बिक्री भी रोक दी जाय। जिलाधिकारी से आग्रह है समाजहित और काशी की धार्मिक ऐतिहासिक पहचान को मद्देनजर रखते हुये श्री पाशपाणी विनायक सेवा दल की मांग पर विचार करके काशी को मांस मदिरा मुक्त करें ताकि मंदिरों का शहर मदिरा से मुक्त हो जाये। ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से एडवोकेट आलोक पांडेय,आशुतोष यादव आशु,आशीष सिंह,सतीश सिंह,मनीष पांडेय, लालू यादव,प्रदीप पाण्डेय,प्रदीप कुमार सिंह,सरोज विश्वकर्मा,गोपाल जायसवाल (पूर्व पार्षद)मौजूद रहें।
