संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश नें राष्ट्र की एकता, अखण्डता एवं सम्प्रभुता को बनाये रखने हेतु संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलायी तथा सचिव द्वारा जिला कारागार व राजकीय बाल गृह में किया गया कार्यक्रम का आयोजन
संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायालय के सभागार कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री देवेन्द्र सिंह द्वारा समस्त सम्मानित न्यायाधीशगण, न्यायालय कर्मचारी एवं सुरक्षाकर्मियों को राष्ट्र की एकता, अखण्डता एवं प्रभुता को बनाये रखने हेतु शपथ दिलाया गया। उन्होंने बताया कि आज ही के दिन 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया, और 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ पूर्ण रूप से लागू किया गया। उन्होंने कहा कि संविधान भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक तथा समाजवादी गणराज्य घोषित करता हैं तथा सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता तथा समानता का अवसर प्रदान करता है। सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री मनोज कुमार तिवारी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करतें हुये वहॉ उपस्थित समस्त कर्मचारियों एवं सुरक्षाकर्मियों को संविधान के बारें में जानकारियॉ देते हुये संविधान के उद्देश्य एवं मौलिक अधिकारों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि डॉ0 भीमराव अंबेडकर के संविधान बनाने में दिये गये योगदान को याद करने तथा संविधान में दी गयी व्यवस्था का अनुपालन करने हेतु संविधान दिवस के रूप में मनाने का निर्णय केन्द्र सरकार द्वारा किया गया। इसके अनुक्रम में प्रत्येक वर्ष 26 नवम्बर को सविधान दिवस का आयोजन किया जाता हैं, अन्त में राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन किया गया।
संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायालय के अनुश्रवण समिति, के अध्यक्ष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रीमती छाया नैन, सदस्य अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया श्री मनोज कुमार तिवारी एवं सदस्य मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती मंजू कुमारी, द्वारा राजकीय बाल गृह का निरीक्षण किया गया। संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राजकीय बाल गृह में संवासित बालकों द्वारा देश के प्रति अपने समर्पण, कर्तव्य व भाव को देशभक्ति संगीत के द्वारा प्रस्तुत किया गया। जिसे अनुश्रवण समिति द्वारा प्रोत्साहित किया गया।
संविधान दिवस के अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देवरिया श्री मनोज कुमार तिवारी द्वारा जिला कारागार में देवरिया में आयोजित कार्यक्रम में निरूद्व बन्दियों को सम्बोधित करतें हुए कहा कि संविधान के प्रस्तावना में उल्लेखित जो भावना हैं। हमारे देश की मूल भावना है, जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है। उन्होंने कहा कि हम सब का विधिक दायित्व है कि संविधान के आत्मा के विपरीत कार्य न करें। उन्होने कहा कि कोई भी बन्दी आर्थिक कारणों से न्याय प्राप्त करने से वचिंत न हो। न्याय चला निर्धन के द्वार, न्याय सबके लिए, के तर्ज पर विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत विभिन्न प्रावधानों के बारें में इनको जागरूक किया जायें।
*प्रचारित प्रसारित द्वारा सूचना विभाग देवरिया*










