वाराणसी (पिंडरा): उत्तर प्रदेश को क्षय रोग से मुक्त करने के संकल्प के साथ पिंडरा ब्लॉक में जागरूकता की एक नई मशाल जलाई गई।
शिव कुमारि बालिका इंटर कॉलेज में आयोजित 'टीबी मुक्त पंचायत' अभियान के तहत छात्राओं को इस बीमारी के विरुद्ध सेनानी के रूप में तैयार किया गया।
जागरूकता से ही टूटेगी टीबी की कड़ी
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद पिरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि अवनीश राय और पायल रानी ने छात्राओं को टीबी (Tuberculosis) के विज्ञान और इसके सामाजिक पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने स्पष्ट किया कि टीबी कोई अभिशाप नहीं, बल्कि एक उपचार योग्य बीमारी है।
मुख्य बातें:
निःशुल्क उपचार: सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और संपूर्ण इलाज पूरी तरह मुफ्त है।
पूर्ण कोर्स की अनिवार्यता: दवा को बीच में छोड़ना खतरनाक हो सकता है, इसलिए नियमित सेवन ही बचाव है।
समाज की भूमिका: टीबी मुक्त पंचायत का सपना तभी सच होगा जब हर घर में इसके लक्षणों की पहचान होगी।
छात्राओं ने लिया संकल्प
कॉलेज की प्रधानाचार्य सविता दुबे के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यालय की 1500 में से 750 छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इन 'युवा एंबेसडर' ने संकल्प लिया कि वे अपने गांव, परिवार और पड़ोस में टीबी के लक्षणों वाले मरीजों की पहचान करने और उन्हें नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र तक पहुँचाने में मदद करेंगी।
⚠️ इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
यदि आपको या आपके आसपास किसी को ये लक्षण हैं, तो तुरंत जांच कराएं:
लगातार खांसी: 2 हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी।
बलगम में खून: खांसी के साथ खून आना।
तेजी से वजन गिरना: बिना किसी कारण के शरीर का कमजोर होना।
रात में पसीना: बुखार के साथ रात में पसीना आना।
थकान और अरुचि: भूख न लगना और लगातार कमजोरी महसूस होना।
मदद के लिए संपर्क करें: राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम टोल-फ्री नंबर: 📞 1800-11-6666
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